BIOGRAPHY OF MICHAEL FARADAY( माइकल फैराडे की जीवनी)

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BIOGRAPHY OF MICHAEL FARADAY

माइकल फैराडे का नाम आपने जरूर सुना होगा अगर आप विज्ञान के छात्र है। जो इनके बारे में नहीं जानते है में उन्हें बताता हूँ, की वह कौन थे। माइकल फैराडे एक महान वैज्ञानिक थे। जिसने बिजली के चुंबक का आविष्कार किया था। जिसकी मदद से विद्दुत मोटर का निर्माण हुआ। आज बड़े-बड़े  कल कारखाने की मशीने चलती है, बस और ट्राम जैसी गाड़ियां चलती है। फैराडे की इस आविष्कार ने दुनिया में बहुत परिवर्तन लाया। लेकिन इनका जीवन बचपन से बहुत कठिनाइयों से भरा हुआ था।
माइकल फैराडे का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था, इनके पिताजी एक लोहार थे। छः साल की आयु से इन्होने पाठशाला जाना शुरू किया था, लेकिन इनके पास किताबे नहीं थे और उस समय आज की तरह स्कूल से किताबे नहीं मिलती थी। इसलिए इन्हे बहुत परेशानी होती थी। लेकिन वह घबराये नहीं और किसी तरह से वह पढाई करने लगे, उन्होंने स्कूल जाना बंद नहीं किया। अपने पिता के काम में भी हाथ बँटाने लगे। 
इस तरह से सात साल बीत गये। अब ये तरह 13 वर्ष के हो गए। तब घर की परिस्थति और भी खराब हो गयी थी। इसलिए इनके पिताजी ने इनका स्कूल जाना बंद कर दिया। और ये मन मारकर रह गये। इनके पिताजी ने इन्हे अखबार बाँटने के काम पर लगा दिया। इसके कुछ दिनों बाद इनका एक किताब में जिल्द बनाने वाले के यहाँ नौकरी मिल गयी। इसी बहाने इन्हें किताबें पढ़ने का अवसर भी प्राप्त हो गया।

फैराडे बहुत मेहनती बालक था। वह अच्छी जिल्दे बाँधता था, इसलिए उसका मालिक उससे बहुत खुश रहता था। यदि दुकान पर कभी कोई बिजली से संबंधित कोई पुस्तक आता तो वह उन्हें जरूर पढता था।
एक दिन उसके दुकान पर एक बूढ़ा आदमी आया। उसने फैराडे को बिजली के एक किताब में  मग्न देखा। वह आश्चर्य पड़ गया एक बालक और इतनी कठीन पुस्तक पढ़ रहा है। उसने पूछा तुम कहाँ पढ़ते हो?
फैराडे ने कहा -  में कही नहीं पढता। में यहाँ जिल्दे बांधने का काम करता हूँ। मुझे बिजली से  संबंधित किताबे पढ़ना अच्छा लगता है। वह बूढ़ा आदमी एक वैज्ञानिक था। माइकल के उत्तर से वह खुश होकर उसको सलाह दिया। " तुम यदि बिजली के बारे में जानकारी बढ़ाना चाहते हो तो सर हम्फ्रे डेवी के भाषण सुना करो "

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माइकल अगले दिन भाषण सुनने चला गया और वहां पहुँचकर देखा की भाषण सुनने के लिए टिकट खरीदना पड़ता है। वह वहाँ से तुरंत वापस आया और अपने मालिक से पैसे लेकर टिकट खरीदा और अंदर जाकर पुरे गौर से हम्फ्रे डेवी का भाषण सुनने लगा। शाम को लौटने पर मालिक ने उससे टिकट के पैसे काट लिए और घर में पिताजी से उन्हें बहुत डांट पड़ी उनके पिताजी ने कहा ऐसे बेकार की चीजों में पैसे बर्बाद मत करो।
अगले दिन माइकल दुःखी मन से दुकान पर बैठा हुआ था। उसे दुःखी देख मालिक ने पूछा क्या बात है ? उदास क्यों हो ? माइकल ने कहा -पिताजी क्रोधित हो गए। उन्होंने टिकट खरीदने को मना कर दिया। अब में हम्फ्रे डेवी  का भाषण सुनने  नहीं जा पाऊंगा। मालिक को उस पर दया आ गयी। मालिक ने कहा - तुम जाओगे, टिकट के पैसे में दे दूंगा तुम्हारे काम से नहीं काटूँगा। माइकल की इच्छा पूरी हो गयी। वह रोज उसके भाषण सुनता और सब बाते लिख लेता। कुछ दिन बाद उसे हम्फ्रे डेवी से मिलने का मौका मिला।
माइकल उनसे मिला और विज्ञान के प्रति अपनी रूचि जाहिर किया और बताया की उसे बिजली से संबंधित चीजे पढ़ना अच्छी लगती है और अब वो ये प्रयोग करके देखना चाहता है, लेकिन उसके पास पर्याप्त चीजे नहीं है। हम्फ्रे डेवी को वो बहुत पसंद आये और कहा की में तुम्हारे बारे में सोचूँगा और वो वहाँ से चले गए।
माइकल प्रतीक्षा करने लगा की कब उन्हें हम्फ्रे डेवी के साथ काम करने मौका मिलेगा।

मेहनत रंग लाती है

 एक दिन हम्फ्रे डेवी के साथ दुर्घटना हो गयी जिससे उसे काम करने मे समस्या हो रही थी। तब उसे उस लड़के का याद आया। उसने सोचा की जब तक वह ठीक नहीं होता तब तक उसे काम पर रख लेते है। जब माइकल को यह बात पता चली तो वह बहुत खुश हुआ। वह मन लगाकर सब काम करने लगा। एक दिन वह एक प्रयोग कर रहा था। तभी उसने देखा की बिजली जब कम्पास के नजदीक से गुजरती है तो उसका दिशा बदल जाती है। और तब वो समझा की यह बिजली की चुम्बकीय शक्ति के वजह से होता है। और उसके बाद उन्होने विद्दुत चुम्बक का आविष्कार किया। और इस प्रकार वो अनेको कठिनाइयों को पार कर वह एक महान वैज्ञानिक बना।


शिक्षा : अगर किसी इंसान को कोई काम करना पसंद हो और वह लगातार मेहनत के साथ उस काम को करे। तो उसे सफल बनने से कोई नहीं रोक सकता। वह उस चीज में मास्टर बन जाता है, उससे बेहतर उस काम को और कोई नहीं कर सकता। 

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