वृक्ष ईश्वर का दूसरा रूप है Vriksha iswar ka dusra roop hai
वृक्ष ईश्वर का दूसरा रूप है निस्वार्थ कर्म का सबसे अच्छा उदाहरण यदि कोई हो सकता है, तो वह वृक्ष है। यह हमें फल देता है, प्राण वायु देता है, छाया देता है लेकिन बदले मे हमसे कुछ नहीं चाहता है। यह कोई भी जाती धर्म देखे बिना हम सभी को Oxygen देता है इसलिए हमारा यह कर्तव्य है कि हम भी बिना जाती धर्म देखे बिना इनका रोपण करे देखभाल करे। वृक्षारोपण से पुण्य काम और कुछ हो ही नहीं सकता