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Showing posts from May, 2019

THE STORY OF TWO FRIENDS BY SANDIP MAHESWARI

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दोस्तों यह कहानी   संदीप महेश्वरी जी ने अपने YOUTUBE CHANNEL पर सुनाया   था। जो बहुत ही प्रेरणादायक है। इसे में आपलोगो के   साथ शेयर करना चाहता हूँ। यह कहानी है दो    बच्चों की   जो एक एक गांव में रहते थे। एक 6 साल का और दूसरा 10 साल का था।   वे दोनों एक साथ खेलते एक साथ रहते थे। एक दिन दोनों गांव से कुछ दूर निकल आया था।   और खेलते खेलते उनमे से एक जो 10 साल का था वो    कुँए में गिर गया और उसे तैरना नहीं आता था। जो 6 साल का बच्चा था उसने अपने आस पास देखा उसे कोई   नजर   नहीं आया जो उसकी मदद कर सके। और फिर उसकी नजर   एक बाल्टी पर पड़ी जिसमे रस्सी बँधी हुई थी। उसने तुरंत बाल्टी को कुँए में डाला और अपने दोस्त   को बोला पकड़ लो इसे और उसने पूरी ताकत लगाकर खींचने लगा और तब तक खींचता ही रहा जब तक वह ऊपर नहीं आ गया। और जैसे ही वह ऊपर आया दोनों खुश हो गए और गले मिले। और उन्हें अब इस बात का डर लग रहा था की गांव   जायेंगे तब बहुत पिटाई होगी जब ये सब चीजें बताएँगे। और दोनो गांव वापस आये और उन्होंने जब ये सब बताया की उनके साथ   ऐसा हुआ तब किसी ने उन्हें डांटना तो दूर किसी ने विश्वाश ही नहीं कि

SWAMI VIVEKANANDA KI SAHAS DENE WALI KAHANI (स्वामी विवेकानंद की साहस देने वाली कहानी )

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SWAMI  VIVEKANANDA  KI  SAHAS  DENE WALI  KAHANI स्वामी विवेकानंद जी को बचपन में सब नरेन कहकर बुलाते थे। उनका वास्तविक नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। वे बड़े मेधावी छात्र थे। उनका बुद्धि बहुत तेज था इसलिए  सभी लोग उनसे बहुत प्रभावित रहते थे। उनके घर के बाहर एक पेड़ था।  वे और उनके मित्र सभी उस पेड़ पर चढ़कर खेलते, एक डाल से दूसरे डाल तक छलांग मारते और उल्टा लटकते थे। ये सब देख कर पड़ोस के एक चाचा को बड़ी फिक्र रहती थी की बच्चे गिर कर अपना पैर हाथ न तोड़ ले। इसलिए उन्होंने बच्चों को पेड़ से दूर रखने के लिए बच्चो को बुलाया और एक  कहानी सुनाया। बच्चों तुमलोग इस पेड़ पर मत चढ़ो, इस पेड़ पर एक पिशाच रहता है वह इस पेड़ पर चढ़ने वालो की गर्दन मरोड़ देता है। सब बच्चे डर गए लेकिन नरेन चुप चाप सुनता रहा और और सभी वहाँ से चले गए। पिशाच के डर से कोई वहाँ  दो दिन तक  खेलने नहीं आया। तीसरे दिन एक बच्चे ने दूर से उस पेड़ पर किसी को बैठा हुआ देखा, उसने दूर से आवाज लगायी कौन है पेड़ पर? तब नरेन ने उत्तर दिया - अरे मित्र, में हूँ नरेन। वो नजदीक गया और कहा अरे तुमने सुना नहीं चाचा ने क्या कहा, इस पेड़ पर भूत रहता है। नरेन

सही अर्थ

सही अर्थ  एक गांव में प्रताप नाम का एक लड़का रहता था। वह  ( wrestler )पहलवान बनना चाहता था। और इसके लिए वो शहर जाकर किसी अच्छे से coach  से ट्रेनिंग लेना चाहता था। लेकिन उसका  पिता बहुत गरीब था ,वह दिन भर खेतो में काम करता था , इसलिए वह चाहता था कि प्रताप उसके  साथ खेतों में काम  करे। प्रताप का परिवार में उसके माता-पिता और दादाजी थे। प्रताप हमेशा अपने  पिताजी से  रूठा रूठा रहता था क्योंकि  जब भी वो कुछ अच्छा काम करता तो पिताजी उसे कहते की तुम एक चिटीं के बराबर हो तुम्हारे अन्दर चीटीं जैसी ताकत हे वो गुस्सा हो जाता और कहता ये क्या पिताजी आप मुझे आशीर्वाद न देकर इतना छोटा कह  रहे हैं । प्रताप का  स्कूल का रिजल्ट आने वाला था। उसने सोचा की रिजल्ट अगर अच्छा हुआ तो पिताजी खुश हो जायेंगे और वह उस समय एक बार पहलवानी के  लिए पूछेगा शायद पिताजी  मान जाये। रिजल्ट का दिन आया प्रताप ने अच्छा नंबर  लाया घर में सब खुश थे। उसने पिताजी को रिजल्ट दिखाया पिताजी ने उससे  हँसते हुए फिर से वही बात कही वाह बेटे तुझमे सच में चीटीं जैसी ताकत है। प्रताप गुस्से को टालते हुए कहा पिताजी  में अब आगे नहीं पढ़ना चा

वरदराज-एक महान विद्वान

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प्राचीन काल में बच्चे गुरुकुल में पढ़ने जाते थे। वहाँ पर गुरु अपने शिष्यों को पढ़ाते थे। एक  गांव के  एक आश्रम में वरदराज नाम का बालक पढता था। वह पढ़ने में बहुत कमजोर था सब उसका मजाक उड़ाते थे।  गुरूजी जो पढ़ाते थे उसे वह समझने में कठिनाई होता और याद नहीं रख पाता था इसलिए उसका मन पढाई में नहीं  लगता था।  उसके सभी सहपाठी उच्च कक्षा में चला जाता था  और वो एक ही कक्षा में रह जाता था। गुरूजी ने उसे पढ़ाने में बहुत मेहनत की लेकिन उसपर असर नहीं हुआ अंत में हारकर गुरूजी ने उसे आश्रम से निकाल दिया। गीता पढ़ रहे एक आदमी की सचाई घटना   वह भारी मन से दुखी होकर वहां  से जाने लगा, रास्ते में वो सोचने लगा की घर जा कर पिताजी के सामने क्या मुँह दिखाऊंगा कैसे कहूंगा की गुरूजी ने मुझे निकाल दिया है। जाते-जाते रास्ते में उसे प्यास लग गयी उसने एक कुआँ  देखा उसके नजदीक गया और वहाँ रखे  बाल्टी से पानी निकाल कर पिया। पानी पिने के बाद उसने देखा की कुँए की जगत(सील) पर रस्सी से से बार बार घिसने से गड्ढे और निसान पड़ गए है। उसने सोचा की यदि बार-बार एक नरम रस्सी घिस घिस कर कठोर पत्थर पर निसान कर सकता है तो में क्

BURI SANGATI KA PRABHAW (बुरी संगती का प्रभाव)

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एक गांव में दो मित्र रहते थे, राम और श्याम। दोनों मित्र पढ़ने लिखने में बहुत अच्छे थे उन दोनों का नाम पुरे गांव में प्रसिद्ध था,  वे दोनों साथ-साथ खेलते थे और साथ स्कुल जाते थे। एक दिन श्याम स्कुल से अकेले घर आ रहा था क्योंकि उस दिन राम  स्कूल नहीं गया था, रास्ते  में कुछ लड़के ताश खेल रहे थे। श्याम देखने चला गया  की वे लोग  क्या कर रहे है। उसने देखा की उनमे से एक लड़का कुछ देर बाद वहां से बहुत सारे पैसे लेके चला गया। श्याम ने पूछा भाई ये कोनसा खेल हे, जिसमे पैसे मिलते है  ? उसमे से एक लड़के ने कहा भाई ये खेल खेलके तुम बहुत पैसे कमा सकते हो तुम भी खेलोगे तो कल से पैसे लेके आना। श्याम खुश होकर वहां से चला गया।  जीतो या हारो- एक  प्रेरणादायक कहानी  अगले दिन स्कुल जाते वक्त राम से मिला और उससे कहा मित्र वहां देखो कुछ लड़के पैसे का खेल, खेल रहे है। राम ने कहा- माँ कहती है , वो लोग गंदे लड़के है , उनके साथ कभी मत जाना वो लोग शराब ,बीड़ी और जुआ खेलते है।  लेकिन श्याम को पैसे का लालच आ गया था।  स्कूल छुट्टी होते ही श्याम  उनलोगो के साथ चला गया और पहले दिन उसने कुछ पैसे जीतकर अपने लिए खिलोने खरीद कर