Posts

Showing posts from October, 2021

JO BIT GAYI SO BAAT GAYI - जो बीत गई सो बात गई

Image
BEST HINDI INSPIRATIONAL POEM BY HARIVANSH  RAI  BACHCHAN JO BIT GAYI SO BAAT GAYI - जो बीत गई सो बात गई  जो बीत गई सो बात गई !  जीवन में एक सितारा था।  माना, वह बेहद प्यारा था,  वह डूब गया तो डूब गया,  अम्बर के आनन को देखो, कितने इसके तारे टूटे  कितने इसके प्यारे छूटे  जो छूट गए फिर कहाँ मिले,   पर बोलो टूटे तारों पर कब अम्बर शोक मनाता है! जो बीत गई सो बात गई! जीवन में वह था एक कुसुम थे उसपर नित्य निछावर तुम, वह सूख गया तो सूख गया, मधुवन की छाती को देखो, सूखी कितनी इसकी कलियाँ,  मुरझाईं कितनी वल्लरियाँ,  जो मुरझाईं फिर कहाँ खिली,   पर बोलो सूखे फूलों पर,  कब मधुवन शोर मचाता है!  जो बीत गई सो बात गई! जीवन में मधु का प्याला था,  तुमने तन-मन दे डाला था,  वह टूट गया तो टूट गया,   मदिरालय का आँगन देखो, कितने प्याले हिल जाते हैं,  गिर मिट्टी में मिल जाते हैं,  जो गिरते हैं कब उठते हैं,  पर बोलो टूटे प्यालों पर; कब मदिरालय पछताता है!  जो बीत गई सो बात गई! मृदु मिट्टी के हैं बने हुए  मधुघट फूटा ही करते हैं,  लघु जीवन लेकर आए हैं , प्याले टूटा ही करते हैं  फिर भी मदिरालय के अंदर  मधु के घट हैं

Murkh magarmach aur ek lomdi ki kahani

Image
मुर्ख मगरमच्छ और एक लोमड़ी की कहानी  एकबार एक जंगल में एक लोमड़ी और एक मगरमच्छ रहते थे। वह दोनों कहने को तो दोस्त थे लेकिन लोमड़ी मगरमच्छ का पूरा फायदा उठाता था क्योंकि मगरमच्छ थोड़ा मुर्ख था और लोमड़ी बहुत चालाक था। एकदिन दोनों ने खेती करने की सोची। दोनों ने तय किया की वे लोग आलू की खेती करेंगे। मुर्ख मगरमच्छ को लगा की आलू पौधे का फल होता है। इसलिए उसने लालच में आकर लोमड़ी से  कहा - मिट्टी के निचे का हिस्सा तुम्हारा होगा और मिट्टी के ऊपर का हिस्सा मेरा। चालाक लोमड़ी मुस्कुराते हुए कहा ठीक है, तुम जैसा कह रहे हो वैसा ही होगा।  जब आलू का पौधा बड़ा हुआ, लोमड़ी सारे आलू निकाल कर ले गया। मगरमच्छ को सिर्फ आलू की डालियाँ और पत्ते मिले। मगरमच्छ को बड़ा दुःख हुआ। उसने सोचा कोई बात नहीं यह पहलीबार था इसलिए ऐसा हुआ, दूसरी बार में फायदे में रहूँगा।  दूसरी बार फिर से दोनों ने धान की खेती करने की सोची। मगरमच्छ ने मन ही मन सोचा पिछली बार में ऊपर का हिस्सा लेकर में बेवकूफ बन गया था लेकिन इसबार में नहीं ठगूंगा। इसबार फिर से उसने लोमड़ी से कहा - देखो लोमड़ी भाई, पिछली बार मेने फसल का निचली हिस्सा लिया था, इसबार त