The Painting of Peace - a Thought changing story
शांति का चित्र - विचारों को बदलने वाली एक कहानी
एकबार एक राजा ने अपने और अपने पड़ोसी राज्यों में, यह एलान करवाया की जो भी चित्रकार "शांति को दर्शाने वाली" इस दुनिया का सबसे बेहतरीन चित्र बनाएगा, राजा उसे १००० सोने के सिक्के देगा। यह बात हर राज्य में फैल गयी। दुनिया भर के बेहतर से बेहतर चित्रकारों ने अपना नामांकन करवाया। प्रतियोगिता अगले माह को होने वाली थी। सभी चित्रकारों ने अच्छे से तैयारी कर ली थी। प्रतियोगिता के दिन राजा के दरबार में सभी चित्रकार हाजीर होते है।
राजा सभी चित्रकारों के लिए विशेष आयोजन करके रखते है, ताकि उन्हें किसी भी चीज में परेशानी न हो।
कुछ पल बाद सभी चित्रकारों को निर्देश दिया जाता है की वह अपना चित्रकारी शुरू करे।
वहाँ पर आये सभी दर्शक अपने मन में जिज्ञासा लिए खड़े थे कि कैसा होगा वह चित्र जिसको इतना बड़ा इनाम मिलेगा।
कुछ घंटों मे सभी चित्रकारों ने अपना-अपना चित्र पूरा बना कर राजा के सामने प्रस्तुत किया।
राजा ने दरबार मे आए सभी लोगों, राजाओ और मंत्रियों से कहा आप सब अपना मत दे, इनमें से कौनसा चित्र सबसे अच्छा है, जो शांति को दर्शाता है। लोगों ने देखा सभी चित्र बहुत सुन्दर बने हुए है किसी में एक खुला हरा घास का मैदान था एवं दूर-दूर तक कोई हलचल नहीं था। किसी में सूर्योदय का समय था और स्वच्छ आकाश तथा चारो ओर हरे पेड़-पौधे थे। किसी में रात का समय था और चाँद चमक रहा था तथा साथ ही वहाँ एक झील भी था, जिसका पानी एकदम स्थिर था। सभी लोग तस्वीरों को देखकर वाह-वाह कर रहे थे लेकिन कोई भी उनमें से एक चित्र जो "शांति को दर्शाता हो " ऐसा तस्वीर चुन नहीं सक रहा था, क्योंकि सभी चित्र कमाल के थे। अंत में सभी ने राजा से कहा महाराज हमें तो ज्यादातर सभी चित्र ही बहुत अच्छे लग रहे है। आप ही इसका हल निकालिये की कौनसा सबसे अच्छा शांति को दर्शाने वाला चित्र है।
राजा ने एक चित्र चुना और सिपाहियों से कहकर दरबार के मध्य में उस चित्र को रखवा दिया। सभी ने उस चित्र को देखा तो सब आश्चर्यचकित रह गए क्योंकि उसे देखकर नहीं लग रहा था की वह शांति को दर्शाती है। लोगों ने सोचा कि शायद सिपाहियों से गलती हुई है उन्होंने गलत तसवीर सामने रख दी है।
राजा ने कहा यही वह चित्र है जिसे बनाने वाले को 1000 सोने के सिक्के मिलेंगे। लोग हैरान होकर देख रहे थे तभी सभी चित्रकार भड़क उठे ये कैसे हो सकता है महाराज इसमें आँधी-तूफान है, बिजली कड़क रही है ये कैसे शांति को दर्शा रही है। राजा ने उस तस्वीर को बनाने वाले को बुलाया और कहा आप समझाये यह किस प्रकार शांति को दर्शा रही है।
चित्रकार ने कहा- आप लोग इस चित्र को ध्यान से देखिए इसमें आँधी-तूफान और तबाही के साथ एक घर दिखाया गया है उस घर में एक आदमी है जो चुप चाप शांत भाव से खिड़की के बाहर देख रहा है। उसके चेहरे पर कोई डर नहीं है वह एक दम निश्चिंत होकर यह सब देख रहा है। बाहर के खराब हालात में भी वह स्थिर है और वह मुस्कुरा रहा है। यहां पर हमारे अंदर की शांति को दर्शाया गया है और असली शांति का मतलब भी यही होता है क्योंकि बाहर कितना भी शांति क्यों ना हो अगर हमारा मन शांत ना हो तो सब बेकार लगता है।
शिक्षा : दोस्तों असली शांति का मतलब यह नहीं है की बाहर सबकुछ शांत है तब हम शांत है। क्योंकि यह क्षणिक है, असली शांति तो वह है जो यह दर्शाता है कि हमारे बाहर की दुनियां में चाहे कितनी भी समस्या, कितना ही तकलीफ क्यों ना हो लेकिन हम अंदर से बिल्कुल स्थिर है एकदम शांत है।
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The Painting of Peace - a Thought changing story
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Really great story and message
ReplyDeleteSir apki story me ek naya soch ko janam dene wali baat hai isse padh ke bahut accha laga aur bahut kuch sikhne ko mila
ReplyDeleteबहुत बहुत धन्यवाद मित्र जो आप हमे इस काबिल समझ रहे है
Deleteमे ऐसे कहानियां या सुविचार पोस्ट करूंगा जो हमारे युवाओ के सोच पर सकारात्मक असर पड़े ताकि आने वाले समय में उनकी दुनिया को देखने का नजरिया बदले
Yes sir yeh to great story hai
ReplyDeleteThanks archana
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