2 short moral stories of our childhood in hindi

हमारे बचपन की दो छोटी नैतिक कहानी हिंदी में 

दोस्तों यह दोनों कहानी आपको आपकी बचपन की याद दिला देगी और वह सिख भी, जो बचपन में सीखी थी जिसे असल जीवन में उतारना चाहिए। 

१. शेर आया शेर आया 

2 short moral stories of our childhood in hindi
एक समय की बात है एक गांव में एक चरवाहा (पशुओं को चरानेवाला) लड़का रहता था, उसका नाम श्याम था। वह रोज सुबह पशुओं को चराने जंगल के किनारे ले जाता था और शाम को वापस घर ले आता था । एक दिन गांव के किसान अपने खेतों में काम कर रहे थे, जो की जंगल के नजदीक ही था तब श्याम जोर- जोर से चिल्लाने लगा "शेर आया शेर आया , बचाओ शेर आया " 
सभी किसान लाठी लेकर दौड़ते हुए श्याम के पास गया और पूछा कहाँ है शेर ?
वह लड़का जोर-जोर से हंसने लगा और कहा में तो यूहीं थोड़ा मस्ती के लिए मजाक कर रहा था। सभी किसान गुस्सा होकर चले जाते है। 
2 short moral stories of our childhood in hindi
कुछ दिनों बाद वह लड़का फिर से चिल्लाने लगता है " बचाओ शेर आया शेर आया "  किसान फिर से काम छोड़कर उसे बचाने के लिए दौड़ते हुए जंगल की तरफ भागा। जैसे ही वे श्याम के पास पहुंचा वह फिर से हंसने लगा और कहा " अरे में तो मजाक कर रहा था। किसान फिर से उसे डांटकर, गुस्सा होकर काम पर लग गया लेकिन वह लड़का अपने हरकतों से बाज नहीं आया और कुछ दिनों बाद फिर से मजाक किया। अब किसान ने फैसला किया की वह उस लड़के के बातों पर ध्यान देना बंद कर देगा। 

2 short moral stories of our childhood in hindi

एक दिन सच में शेर आ गया और वह लड़का जोर-जोर से चिल्लाने लगा " शेर आया शेर आया " लेकिन 
इस बार कोई भी उसकी बातो में नहीं आया। जब उस लड़के ने देखा कोई भी किसान उसे बचाने नहीं आ रहा तब वह तेजी से खेतो की तरफ भागा। शेर ने उन पशुओं में से एक बकरी को अपना शिकार बना लिया और जंगल की तरफ चला गया। श्याम रोते हुए किसानों के पास गया उन्हें सारी बात बतायी और उनसे माफी मांगी की अब वह ऐसा मजाक कभी नहीं करेगा। गांव वालो ने उसे माफ कर दिया और अगली बार सहायता करने का वादा किया। 


शिक्षा : दोस्तों हमें अपने जीवन में किसी को बिना वजह परेशान और बेकार का मजाक नहीं करना चाहिए। क्योंकि अगर आप ऐसा करते है तो लोग आपको गंभीरता से नहीं लेंगे जब आप सच मुसीबत में होंगे तो लोग आपकी सहायता नहीं करेंगे। 

२.  दो मित्र 

2 short moral stories of our childhood in hindi
एकबार राजू  और छोटू  दो मित्र  टहलते-टहलते जंगल की  तरफ चले गए। राजू ने कहा " छोटू जल्दी घर चलो शाम होने वाली है,  मेने सुना है इस जंगल में शाम को खतरनाक जानवर निकलते है " छोटू ने कहा " हाँ छोटू इस जंगल में बड़े -बड़े भालू रहते है, हमें अब जाना चाहिए। तभी अचानक छोटू ने घरघराने की आवाज सुना और जिस दिशा से आवाज आ रही थी उधर दोनों ने देखा एक काले रंग का भालू उनलोगो की तरफ बढ़ रहा है। दोनों घबरा गए राजू झट से पेड़ पर जाके चढ़ गया, लेकिन छोटू को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था। वह राजू की तरफ देखा और कहा मेरी मदद करो पेड़ पर चढ़ने में। लेकिन राजू ने उसकी सहायता नहीं की। तब छोटू को याद आया की भालू मरे हुए चीजे नहीं खाता है, इसलिए वह निचे अपनी साँस बंद करके सो गया। भालू उसके पास आया और उसे सूंघने लगा। पेड़ पर बैठा राजू यह सब देख रहा था उसे लगा जैसे भालू उसके कान में कुछ कह रहा है। 
2 short moral stories of our childhood in hindi


जब भालू चला गया तब छोटू पेड़ से उतरा और छोटू के पास जाकर पूछा ? " छोटू भालू ने तेरे कान में क्या कहा ? "
छोटू ने कहा " उसने मेरे कान में कहा- जो मित्र तुम्हे मुसीबत में अकेला छोड़ दे, वह सच्चा मित्र नहीं होता है। "


2 short moral stories of our childhood in hindi



आगे पढ़े .. >>> आलसी चिड़ियाँ 

                       मेहनत की कीमत 

Comments

Popular posts from this blog

KHADA HIMALAY BATA RAHA HAI - खड़ा हिमालय बता रहा है

KISI KE HAQ MAARNE KA PHAL - किसी के हक मारने का फल

वरदराज-एक महान विद्वान