MEHNAT KI KIMAT (मेहनत की कीमत)

MEHNAT KI KIMAT HINDI STORY BY MOTIVATION QUOTE AND STORY IN HINDI

MEHNAT KI KIMAT


एक गांव में एक किसान रहता था। वह बहुत ही दयालु और नम्र स्वभाव का था। उसका नाम पुरे गांव में प्रसिद्ध था क्यों की उसे कभी गुस्सा नहीं आता था। एक बार उस गांव में शहर से एक व्यक्ति आया, वह बहुत धनी था। जब उस धनी व्यक्ति ने उस किसान के बारे में सुना तब उसने कहा ऐसा कैसे हो सकता है की किसी व्यक्ति को गुस्सा न आये। उसने उसे गुस्सा दिलाने का निश्चय किया।
MEHNAT KI KIMAT HINDI STORY BY MOTIVATION QUOTE AND STORY IN HINDIअगले दिन वह किसान से मिलने बाजार गया जहाँ किसान तरबूज बैच रहा था। वह किसान के पास जाकर तरबूज उठाया और पूछा इसकी क्या कीमत है? किसान ने कहा २० रुपये। उसने किसान से कहा चाकू लेकर इनके दो टुकड़े कर दो। किसान ने वैसा ही किया और उस अमिर व्यक्ति ने उस आधे हिस्से को  लेकर किसान से उसका दाम पूछा ? किसान ने कहा १० रुपये।
उसने फिर से उसे काटने को कहा और कटे हुए हिस्से को लेकर पूछा इसका दाम कितना ? किसान ने फिर से उसे नम्रता से जवाब दिया ५ रुपये साहब। जब देखा की उसे क्रोध नहीं आ रहा है तो उसने खुद वह चाकू लेकर तरबूज को कई  छोटे छोटे हिस्से में काट दिया और पूरा तरबूज बर्बाद कर दिया। अंत में कहा ये तरबूज मेरे खाने लायक नहीं रहा में इसे नहीं लूंगा। किसान ने कहा साहब ये सिर्फ आपका ही नहीं किसी के खाने लायक नहीं रहा।
अमीर व्यक्ति ने  कहा मेरी वजह से आपका नुकसान हुआ। में आपको  इसके पैसे देकर इसकी कीमत चूका देता हूँ । किसान ने कहा जब आपने इसे खाया ही नहीं तो में आपसे पैसे नहीं ले सकता। और रही बात इसकी कीमत की तो आप चूका नहीं  सकते।
MEHNAT KI KIMAT HINDI STORY BY MOTIVATION QUOTE AND STORY IN HINDI इसे उगाने में हम किसान हल चलाकर खेत जोतते है, फिर इसमें बीज रोपते  है,पानी देते  है और फिर ये कई दिनों बाद उगता है। इसके दो महीने बाद यह हमें फल देता है। अगर इसे कोई खा लेता तो इसकी कीमत वसूल हो जाता  लेकिन अब ये बर्बाद हो  चूका है।
धनि व्यक्ति को अपने गलती का एहसास होता है और वो किसान से रोते हुए माफ़ी मांगने लगता है।
किसान उससे कहता है। में चाहता तो आपसे पैसे ले सकता था लेकिन इससे आपका पैसे का अहंकार कम नहीं होता, इसलिए मुझे आपको समझाना पड़ा। आपकी ये पश्चाताप के आँसू ही आपकी क्षमा है।

शिक्षा : किसी इंसान को  किसी चीज़ की कीमत तब तक समझ नहीं आती जब तक उसे उस चीज के पीछे की मेहनत का अंदाज़ा नहीं होता। और जो इंसान हमारे लिए इतनी मेहनत करके अन्न उगाता है उन्हें परेशान न करे।  

आगे पढ़े कुछ और कहानियाँ ......  TOTE KI BANDHAN

VARADRAJ EK MAHAN VIDWAN

Comments

Popular posts from this blog

KHADA HIMALAY BATA RAHA HAI - खड़ा हिमालय बता रहा है

KISI KE HAQ MAARNE KA PHAL - किसी के हक मारने का फल

वरदराज-एक महान विद्वान