सावन में भगवान शिव पर जल क्यों चढ़ाया जाता है? - SHAWAN ME BHAGWAN SHIV CHADHANE KA MAHATVA
सावन महीने में भगवान शिव पर जल चढ़ाने का कारण धार्मिक, वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत गहरा है। यहां इसका सार सरल शब्दों में बताया गया है:
🌿 सावन में भगवान शिव पर जल क्यों चढ़ाया जाता है?
🕉️ 1. समुद्र मंथन और विषपान की कथा से जुड़ा कारण
- जब समुद्र मंथन हुआ, तब उसमें से कालकूट विष निकला, जो पूरे ब्रह्मांड को नष्ट कर सकता था।
- भगवान शिव ने उस विष को पी लिया और उसे अपने कंठ में रोक लिया, जिससे वे नीलकंठ कहलाए।
- विष की गर्मी को शांत करने के लिए देवताओं ने शिवजी पर जल चढ़ाना शुरू किया।
🌧️ 2. सावन – वर्षा ऋतु का महीना है
- यह महीना ठंडक और शुद्धता का प्रतीक होता है।
- जल को शुद्धता और शांति का स्रोत माना गया है, इसलिए भगवान शिव को जल अर्पित करना उनकी कृपा पाने का माध्यम है।
🔱 3. भगवान शिव का प्रिय मास है – सावन
- शास्त्रों के अनुसार सावन महीना शिव का अत्यंत प्रिय है।
- इस मास में एक बूंद जल भी चढ़ाने से कई जन्मों के पाप कटते हैं।
🧘 4. आत्मशुद्धि और भक्ति का प्रतीक
- जल अर्पण करना अहंकार, क्रोध और नकारात्मकता को धोने का प्रतीक है।
- यह भक्त के मन को भी शांत करता है और उसे शिव से जोड़ता है।
🧪 5. वैज्ञानिक कारण
- वर्षा ऋतु में जल में शुद्ध तत्व होते हैं।
- शिवलिंग पर जल चढ़ाने से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है, जो मानसिक और शारीरिक शांति देती है।
🪔 संक्षेप में:
"भगवान शिव पर जल चढ़ाना केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि यह उनके त्याग, धैर्य और तपस्या के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का माध्यम है।"
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