WHEN KRISHNA COMES - BHAGWAD GEETA SHLOK HINDI
भगवद गीता के श्लोक ईश्वर के अवतार के बारे में
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजामयहम।
अर्थ: हे भरतवंशी, अर्जुन जब-जब इस सृष्टि में धर्म की हानि होती है, अर्थात जब अधर्म, दुर्गण, दुराचारों की अत्यधिक वृद्धि हो जाती है तथा सदगुण, सदाचार और धर्मात्मा कमी होने लगती है एवं `निरपराध, निर्बल मनुष्यों पर पापी दुराचारी और बलवान मनुष्य अत्याचार करने लगते हैं। तब-तब मैं स्वयं की रचना करता हूँ और इस धरती पर अवतरित होता हूँ।
श्लोक ८ :
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम
धर्मसंस्थापनाथार्य सम्भवामि युगे युगे
सारांश:
जब धरती पर पाप और अन्याय बढ़ता है, और सज्जन लोग पीड़ित होते हैं, तब भगवान श्रीकृष्ण जैसे ईश्वर अवतार लेकर अधर्म का नाश करते हैं और धर्म की स्थापना करते हैं। यह श्लोक ईश्वर की करुणा और धर्म की रक्षा की प्रतिज्ञा को दर्शाता है।
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