आखिर क्यों..??????? VOICE FOR WOMEN

 आखिर क्यों..???????


चाहे हजारों स्त्री से उसके संबंध हो,
चाहे कई नाजायज़ अनुबंध हो,
लेकिन पुरुष कभी वेश्या नहीं कहलाते।

चाहे वह कितने ही प्रपंच कर ले.
और इससे कितने ही प्राण हर ले,
लेकिन पुरुष कभी डायन नही कहलाते।

अपनी खानदानी अस्मत कोठों पर बेच आता है, नज़रे पराई स्त्री पर चाहे लगाता है,
लेकिन पुरुष कभी कुल्टा नहीं कहलाते।

चाहे ये कितने ही क्रूर स्वभाव के हों,
चाहे कितने ही घृणित बर्ताव के हों
लेकिन पुरुष कभी चुड़ैल नहीं कहलाते।

यहां तक की दो पुरूषों के झगडे में
घर से लेकर सड़क तक के रगड़े में
स्त्रियों के नाम पर ही गालियां दी जाती हैं,
और फिर शान से ये मर्द कहलाते हैं।

क्यों डायन, कुल्टा, चुड़ैल, वेश्या, बद्दलन
केवल नारी ही कहलाए.. .?
क्या इन शब्दों के पुर्लिंग शब्द,
पितृसत्तात्मक समाज ने नहीं बनाए.......?

क्या यहाँ कोई ऐसा पुरुष है
जिसे सड़क पर चलते हुए ये भय लगता हो
कि अकस्मात ही पीछे से तेज़ रफ़्तार में
एक स्कॉर्पियो आएगी
और उसमें बैठी चार महिलाएँ
जबरन उसे गाड़ी में उठा कर ले जायेंगी
उसका बलात्कार करेंगी और
किसी सुनसान जगह पर
अधमरी हालत में
एक बड़े पत्थर से उसका सिर कुचल देंगी....

Comments

Popular posts from this blog

KHADA HIMALAY BATA RAHA HAI - खड़ा हिमालय बता रहा है

वरदराज-एक महान विद्वान

9 BEST HINDI INSPIRATIONAL QUOTES EVER