दूध और पानी की मित्रता - DUDH AUR PANI KI DOSTI

दूध और पानी की दोस्ती

जब पानी दूध में मिल जाता है तो वह अपना नाम और पहचान सब खो देता है, तो दूध ने पानी से कहा ए मेरे दोस्त तुम मुझ से कितना प्रेम करते हो ? जब मुझ में मिल जाते हो तो न तो अपना नाम और पहचान सब खो देते हो लेकिन कोई बात नहीं आज से मैं अपना पहचान दूंगा अपना नाम दूंगा अपना रंग दूंगा और तो और मैं अपने दामों भी तुझे बाजार में बिकवा दूंगा। जब दूध और पानी बाजार में बिके तो खरीदने वाले ने बर्तन में रख कर चूल्हे पर चढ़ाया, जब दूध गरम हुआ तो पानी ने कहा दोस्त तुम घबराना मत तुम्हें जलने से पहले मैं खुद को जला दूंगा। जब दूध गरम हो गया तो पानी जलने लगा और पानी को जलता देखकर दूध को रहा नही गया, वो बर्तन से बाहर निकलकर आग को बुझाने के लिए दौड़ पड़ा और बोला अरे यार तुम मेरे दोस्त को जलायेगा, मेरे दोस्त को जलने से पहले मैं तुझे ही जला दूंगा।

मित्रों, दोस्ती ऐसी ही होनी चाहिए। 

एक पर संकट आये तो दूसरा उसके लिए खड़े हो जाये और उसके हर मुसीबत में उसके हर सुःख दुःख में साथ खड़ा रहे। जिसने सच्ची दोस्ती की होगी ना उसको ये कहानी उसके दिल पर लगी होगी।

दूध और पानी की मित्रता , दूध और पानी की दोस्ती

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