Motivation quote and Story in Hindi

निस्वार्थ कर्म की कहानी - NISWARTH KARMA HINDI STORY

निस्वार्थ कर्म
निस्वार्थ कर्म की कहानी - NISWARTH KARMA HINDI STORY


एक समय की बात है। एक बार एक जंगल में एक साधु एक छोटी सी कुटिया में रहते थे। जहां पर एक नदी थी। वे दिनभर मंत्रों और भगवान के नाम का जाप करते और जंगल में मिलने वाले फल खाकर प्रसन्न रहते थे। उनकी कुटिया के पास ही बड़े-बड़े बांस के पौधे उग आए थे।


संत बांस से टोकरी बनाना जानते थे। एक दिन उन्होंने मंत्र जाप करते-करते बांस से टोकरी बना दी। टोकरी बहुत ही सुंदर और मजबूत बनी थी। संत ने सोचा कि ये टोकरी मेरे लिए तो किसी काम की नहीं है। ये सोचकर उन्होंने टोकरी को नदी में बहा दिया।


अब संत रोज एक टोकरी बनाते और नदी में बहा देते थे। इस काम में उन्हें आनंद आता था और समय भी कट जाता था। कुछ दिन तक तो ये क्रम चलता रहा। संत यह सोचकर ये काम कर रहे थे कि ये टोकरी किसी न किसी के काम आ जाएगी। लेकिन, एक दिन संत ने सोचा कि मैं ये काम कर रहा हूं, लेकिन इससे मुझे तो कोई लाभ नहीं हो रहा है। मुझे बिना वजह मेहनत नहीं करनी चाहिए। उन्होंने टोकरी बनाना बंद कर दिया।


एक दिन वे नदी किनारे टहल रहे थे। कुछ दूर चलने के बाद उन्होंने देखा कि नदी किनारे एक बूढ़ी महिला बैठी है, जब वे उसके पास पहुंचे तो उन्हें मालूम हुआ कि वह रो रही है। संत ने उससे रोने की वजह पूछा ?


बूढ़ी महिला ने कहा, कुछ दिन पहले तक इस नदी में रोज एक सुंदर टोकरी बहकर रोज आती थी। मैं उस टोकरी को निकालकर पास के गांव में बेच आती थी, इससे जो धन मिलता था, उससे मेरा जीवन चल रहा था। लेकिन, अब टोकरी आना बंद हो गई है। मेरे लिए खाने की व्यवस्था करना बहुत मुश्किल हो गया है। इसीलिए मैं दुखी हूं।


महिला की बात सुनकर संत को बहुत दुख हुआ। वे तुरंत ही अपनी कुटिया लौट आए और बांस टोकरी बनाकर नदी में बहा दीया। इसके बाद वे रोज ये काम करने लगे, ताकि उस बूढ़ी महिला की मदद हो सके।


शिक्षा : हमें स्वार्थ को भूलकर अच्छे कर्म करने चाहिए । अच्छे काम निस्वार्थ भाव से किए जाते हैं, तो किसी न किसी को उनका लाभ जरूर मिलता है। इसलिए हमें बिना किसी निजी स्वार्थ के भलाई के काम करते रहना चाहिए।

 

अच्छी कहानियों को मित्रों और परिवार के साथ शेयर करे। 

 आगे पढ़े...  धैर्य की शक्ति

. . 

हिंदी कहानियाँ 

HINDI STORY MOTIVATIONAL

INSPIRATION HINDI STORY 

MOTIVATIONAL HINDI STORY


Comments