RISHI AUR SAANP KI KAHANI - ऋषि और सांप की कहानी
फन न मारने का फल - ऋषि और सांप की कहानी
एकबार एक गांव में एक पेड़ के नीचे एक बहुत बड़ा विषैला सांप रहता था। वह लोगों को बेवजह परेशान करता था। किसी मनुष्य को देखते ही उन्हें भगाता और डंसने का प्रयास करता तथा बिल मे घुस जाता था। लोग उस सांप से बहुत परेशान हो गए थे, कोई उस पेड़ के तरफ डर से नहीं जाता।
एकदिन एक ऋषि उस रास्ते से गुजर रहे थे, लोगों ने देखा तो मना किया आप उधर मत जाइए, वहाँ एक जहरीला सांप है। वह हमलोग को परेशान करके रखा है, उधर किसी इंसान को देखते ही वह उसे डँसने को भागता हुआ है।
ऋषि ने कहा - ठीक है, आज से वह आप सब को परेशान नहीं करेगा और उस पेड़ की तरफ गए , वह सांप ऋषि के पैरों की आवाज सुन बाहर आया और उनके आगे फन उठाकर गुस्सैल स्वभाव से कहा - कौन हो तुम ? तुम्हें डर नहीं लगता ! जो मेरी बिल की तरफ आ गए।
ऋषि हंसा और कहा डर ! कैसा डर ?
सांप - मे तुम्हें डंस लूँगा और तुम दर्द से तड़पने लगोगे।
ऋषि - इससे तुम्हें क्या लाभ होगा ?
सांप - लोग डरेंगे और इस रास्ते मे कभी नहीं आयेंगे।
ऋषि - आज तुम लोगों को डराओगे, परेशान करोगे तो तुम्हें भी एकदिन परेशानी झेलनी पड़ेगी। ये दुनिया गोल है सभी के कर्म एकदिन लौटकर उसके पास आएगी, तब उसे अपने कर्मों का फल भोगना पड़ेगा। इससे अच्छा यह है की तुम उन्हें परेशान करना छोड़ दो, तुम्हें सब अच्छा कहेंगे और तुम्हारे अब तक के सारे पाप मिट जायेंगे।
साधु की बात सुन वह सांप लोगो को डराना छोड़ देता है। अब लोग उस रास्ते से आराम से जाना-आना शुरू कर देते है।
कुछ महीनों बाद वह साधु उस रास्ते से गुजरता है तो देखता है, वह सांप ज़ख्मी अवस्था मे पड़ा है।
ऋषि ने पूछा - तुम्हारी ऐसी हालत किसने किया ?
सांप ने कहा - ऋषि महात्मा! मेने आपकी बात सुन लोगों के साथ प्रेम से रहने लगा। में उनके बच्चों के साथ खेलने जाया करता तो वह मुझे पत्थर मारते मेरी पूंछ पकड़कर फेंक दिया करते। अच्छा करने का फल क्या यही होता है।
ऋषि ने कहा - मेने तुम्हें उन्हें डंसने और परेशान न करने को कहा था। लेकिन जब वह तुम्हें परेशान करे, तब तुम्हे फन मारने से मना नहीं किया था।
ऋषि उसे आशिर्वाद देकर ठीक कर देता है और कहता है - " तुम किसी को परेशान मत करो लेकिन तुम्हें भी कोई बेवजह परेशान करे तो उसे सहन मत करो। "
शिक्षा : दोस्तों इस कहानी से हमे यह शिक्षा मिलती है कि हमे कभी भी ज्यादा सीधा और सरल नहीं बनना चाहिए। लोग उसका फायदा उठाते है। हमें अपने जीवन मे किसी के साथ खराब व्यवहार नहीं करना चाहिए और ना अपने साथ किसी को खराब व्यवहार करने देना चाहिए।
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